ई-लेखा

जाल मंच पर ई-लेख प्रकाशन का दूसरा प्रयास ।

Wednesday, January 12, 2005

प्रथम ई-लेख

यह ई-लेखन का दूसरा प्रयास है ।
पहले प्रयास में एक ही लिख कर रह गया ।
आशा है इस बार दो लेखों से आगे जा पाऊँगा ।

कहावत तो सुनी होगी - करत करत अभ्यास के .....

रामराम सा.

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