ई-लेखा

जाल मंच पर ई-लेख प्रकाशन का दूसरा प्रयास ।

Sunday, July 20, 2008

लाल सेना - या बाल सेना

पूरे उत्तर भारत, कहें तो पूरे भारत में, बिजली की भारी किल्लत है । आए दिन हरियाणा और पंजाब में लोग बिजली दफ्तरों में घुस कर तोड़ फोड़ कर रहे हैं क्योंकि घंटो घंटो बिजली नदारद है, हफ्तों से । ऊपर से बिजली की दरें फिर से बढ़ा दी गई हैं ।
ऐसे में अगर कोई सरकार इस कमी को पूरा करने के लिए कोई कदम उठा रही है तो चीन समर्थी लाल सेना को पसन्द नहीं है । कहते हैं देश को गिरवी रख रहें हैं । और मायावती जैसी शक्सियत के साथ हाथ मिला कर जो हथकंडा मिले वो अपना कर अपने को सही साबित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
अरे भाई, अगर आदमी नौकरी भी करता है, तो भी थोड़ी बहुत आज़ादी तो जाती ही है तो क्या फिर आदमी नौकरी करना भी छोड़ दे ।।
जिस कदम से देश के हर नागरिक का जीवन बेहतर होता हो, उसका विरोध कितना जायज है ।।

काश अगले चुनाव में ये लाल सेना साफ हो जाए और देश को अपनी बपौती बनाकर सारे फैसले अपनी धौंस मे करवाने का ये दस्तूर इनके साथ ही समाप्त हो जाए ।।